ओवैसी ने उमर अब्दुल्ला पर PSA को लेकर साधा निशाना
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📰 ओवैसी ने उमर अब्दुल्ला पर PSA को लेकर साधा निशाना
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने राज्य का दर्जा मिलने के बाद PSA हटाने की बात कही थी।
ओवैसी ने सोशल मीडिया पर शायरी के ज़रिए हमला किया — “सब कुछ लूटा के होश में आए तो क्या किया, दिन में अगर चिराग जले तो क्या किया।”
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📜 PSA कानून पर ओवैसी के आरोप
PSA (जन सुरक्षा अधिनियम, 1978) शेख अब्दुल्ला ने लागू किया था लकड़ी तस्करी से निपटने के लिए।
इसके बाद फारूक अब्दुल्ला, जीएम शाह, मुफ्ती सईद, जी.एन. आज़ाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती — सभी मुख्यमंत्री रहे लेकिन किसी ने भी PSA नहीं हटाया।
1978 से अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों को बिना मुकदमे जेल में डाला गया।
कई लोगों को 7 से 12 साल तक नजरबंद रखा गया।
ओवैसी ने कहा — सभी सरकारों ने इस कानून का गलत इस्तेमाल किया।
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🧑⚖️ PSA (जन सुरक्षा अधिनियम) क्या है?
1978 में लागू हुआ कानून।
सरकार किसी व्यक्ति को राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करने की आशंका पर हिरासत में ले सकती है।
शुरू में इसका उद्देश्य लकड़ी तस्करी पर रोक लगाना था।
हिरासत में लिए गए लोगों को बिना ट्रायल (मुकदमे) के लंबे समय तक रखा जा सकता है।
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🗣️ राजनीतिक संकेत
ओवैसी के बयान से संकेत मिलते हैं कि वे जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी में हैं।
अब देखना होगा कि उमर अब्दुल्ला ओवैसी पर पलटवार करते हैं या नहीं।
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